जयपुर। वन विभाग ने विश्व वन्यजीव कोष के सहयोग से सरिस्का टाईगर रिजर्व में 5 दिवसीय 26 फरवरी से 2 मार्च तक रैप्टर सर्वेक्षण कार्य किया गया। इसका उद्देश्य सरिस्का, टहला, अकबरपुर, तालवृक्ष और बफर जोन सहित रिजर्व की विभिन्न रेंज में रैप्टर की विविधता और आवास का आंकलन करना था।
सर्वे के दौरान विशेष रूप से उन्होंने रेड हैडेड वल्चर, इडियन वल्चर, इजिप्टीयन वल्चर जैसे विश्व स्तर पर खतरे में पड़े गिद्धों को देखा। दर्ज की गई प्रमुख ईगल प्रजातियों में शॉर्ट टोड स्नेक ईगल शामिल है। यहां देखे गए अन्य रैप्टर्स में रॉक ईगल आउल, इंडियन स्कोप्स आउल, यूरेशियन केस्ट्रेल, व्हाइट. आइड बज़र्ड, यूरेशियन स्पैरोहॉक और वेस्टर्न मार्श हैरियर शामिल थे।
उप वन संरक्षक बाघ परियोजना सरिस्का अभिमन्यु सहारण ने बताया कि यह सर्वेक्षण विविध रैप्टर प्रजातियों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास के रूप में सरिस्का टाइगर रिजर्व के पारिस्थितिक महत्व को रेखांकित करता है। ये निष्कर्ष सरिस्का टाइगर रिजर्व में लक्षित संरक्षण रणनीतियों में योगदान देंगे।