जयपुर। देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को विधानसभा में सदन को आश्वस्त किया कि कपासन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम आली में स्थित शनि महाराज धार्मिक स्थल के विकास के लिए डीपीआर का विभागीय परीक्षण करवाकर, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस धार्मिक स्थल के जीर्णोद्धार एवं विकास कार्यों के लिए वर्ष 2018-19 की बजट घोषणा के तहत तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा डीपीआर बनाई गयी किन्तु पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इसके लिए कोई राशि स्वीकृत नही की गयी।
देवस्थान मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि शनि महाराज धार्मिक स्थल के विकास कार्यों की अनुमानित लागत 76 लाख 93 हजार रुपए थी एवं डीपीआर बनाने पर 93 हजार रुपए का व्यय किया गया था।
कुमावत ने बताया कि प्रदेश में 552 मंदिर और अन्य प्रदेशों के 41 मंदिर प्रत्यक्ष व आत्मनिर्भर प्रभार के हैं, जिनका रखरखाव का कार्य देवस्थान विभाग द्वारा किया जाता है। वर्तमान में इस सूची में किसी अन्य मंदिर को जोड़ा जाना संभव नहीं है।
इससे पहले विधायक अर्जुन लाल जीनगर मूल प्रश्न के लिखित जवाब में देवस्थान मंत्री ने बताया कि कपासन विधानसभा क्षेत्र के चित्तौड़गढ़ तहसील के ग्राम आली में स्थित शनि महाराज धार्मिक स्थल देवस्थान विभाग द्वारा नियंत्रित एवं प्रबंधित नहीं होकर एक अराजकीय मंदिर है। विगत पांच वर्षों में इस मंदिर में सरकार द्वारा किसी कार्य के लिए व्यय नहीं किया गया है। उन्होंने धार्मिक स्थलों के विकास एवं संरक्षण की नीति का विवरण सदन के पटल पर रखा।