तीन फरवरी तक शहर के 8 प्रमुख स्थल और संग्रहालयों में होगा आर्ट इंस्टॉलेशन

‘अवतो बैरो बाजे’ थीम पर प्रख्यात राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आर्टिस्ट होंगे शामिल

आठ दिवसीय कला उत्सव जयपुर आर्ट वीक का 27 जनवरी से आरम्भ

जल महल, हवा महल, अल्बर्ट हॉल और जवाहर कला केंद्र में इंस्टॉल होंगी कलाकृतियां

जयपुर। पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की ओर से जयपुर आर्ट वीक के चौथे संस्करण 27 जनवरी से शहर के खूबसूरत पर्यटक स्थलों और धरोहरों पर शुरू होने जा रहा है। आठ दिवसीय इस फेस्टिवल में इस बार भी दुनियाभर से जाने-माने आर्टिस्ट्स अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। 27 जनवरी को कुलदीप कोठारी और मनजोत सिंह द्वारा विशेष म्यूज़िकल नाइट क्यूरेट की जाएगी। जिसमें राजस्थान की शाश्वत संगीत परंपराओं को समकालीन धारा के साथ जोड़ेंगे।

3 फरवरी तक चलने वाले इस कला उत्सव को हवा महल, जल महल, अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम, गोलेछा सिनेमा, जवाहर कला केंद्र, पिंक सिटी स्टूडियो, म्यूजियम ऑफ़ मीनाकारी हेरिटेज,आम्रपाली म्यूजियम व पीएटीआई मुख्यालय जैसे शहर के प्रमुख स्थल और संग्राहलय में प्रदर्शनियां, साइट इंस्टॉलेशन, परफॉरमेंस और वर्कशॉप्स का भव्य आयोजन किया जाएगा। ‘अवतो बैरो बाजे’ थीम पर आधारित यह आयोजन दुनिया भर के जाने-माने और प्रख्यात 30 से ज्यादा आर्टिस्ट्स का उल्लेखनीय कार्य प्रस्तुत करेगा। जिसमें लगभग 10 अंतर्राष्ट्रीय आर्टिस्ट्स और 20 से अधिक समकालीन कलाकारों के कार्यों को प्रदर्शित करेगा।

पहले दिन अल्बर्ट हॉल, हवा महल और जल महल पर होंगे खास आर्ट इंस्टॉलेशन

इस कला उत्सव के पहले दिन सुबह 11 बजे से जल महल पर नगर निगम हेरिटेज जयपुर के सहयोग और लिवरपूल बियेनियल और आर्टिस्ट नंदन घीया के संयुक्त तत्वावधान में ‘मंथन’ आर्टिस्ट वॉक थ्रू का आयोजन होगा। जहां समुद्र मंथन से प्रेरित स्कल्पचर्स और टेक्सचर्स को डिस्प्ले किया जा रहा है। साथ ही डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर निशांत घीया द्वारा ‘इधर उधर’ में जल महल के इर्द गिर्द बदलती जिंदगियों को ब्लैक और वाइट तस्वीरों के जरिए शोकेस करेंगे। जहां स्थानीय निवासियों, पर्यटकों, जानवरों और प्रकृति के सह अस्तित्व को दर्शाएगा।

इसी के साथ ही इंटरनेशनल लोरेंजो विट्टोरी ग्रामीण भारत की जीवंत बनावट और रूपों से ली गई प्रेरणा को अपनी फोटोग्राफी, मूर्तिकला और शिल्पकारी के रूप में प्रस्तुत करेंगी। पहले दिन 12:30 बजे हवा महल पर समकालीन नृत्य कलाकार मोनिक रोमेको के साथ ‘पैसेजेस’ थीम वॉकथ्रू होगी। जिसमें मेमोरी लॉस और अदृश्यता थीम को केंद्रित रखते हुए परफॉर्मेंस और इंस्टॉलेशन खास होगा। है। कार्यक्रमों की लड़ी में स्टोरीटेलर विनायक मेहता द्वारा ‘टुगेदर थ्रू द सिनेमा’ वॉक थ्रू का गोलेछा सिनेमा में संवादात्मक इंस्टालेशन होगा। जहां बायोस्कोप के जरिए दो दृस्टिकोणों से एक प्रेम कहानी को शोकेस किया जाएगा।

अल्बर्ट हॉल पर ईरानी कलाकार अरज़ू जरगर के साथ ‘हार्मनी गैलेक्सी’ की वॉक थ्रू में 1727 हस्तनिर्मित सेरेमिक मोमबत्तियों का इंस्टॉलेशन शामिल होगी, जिसमें ये अनजली मोमबत्तियां सूरज की रौशनी और दर्पणों के साथ मिलकर लौ जैसा प्रभाव उत्पन्न करेंगी। टेक्सटाइल आर्टिस्ट टिंकल खत्री ‘लुक हाउ आई एम मॉर्फिंग अंडर द सन’ की वॉकथ्रू आयोजित होगी। जिसमें प्राकृतिक रंगों से रंगे और ब्लॉक-प्रिंट किए गए जीवन-आकार के कपड़े के पैनल प्रदर्शित किए जाएंगे। घरों, बाघों और पक्षियों के रूपांकनों वाले इस इंस्टॉलेशन में जयपुर की पारंपरिक रंगाई और छपाई तकनीकों के साथ सहभागिता को दिखायेगा।

3 फरवरी तक चलने वाले उत्सव में ये आर्टिस्ट होंगे खास कला उत्सव में अंतरार्ष्ट्रीय आर्टिस्ट्स में ऑस्ट्रेलिया – मेलबोर्न से एड्रियन फेर्नेंडेज़, ईरान – तेहरान से अरज़ू जरगर, इज़राइल – तेल अवीव से एरेज़ नेवी पाना, इटली से लोरेंजो विट्टुरि, कनाडा से मॉरिक रोमैको, ईरान – जिरॉफ्ट से नताशा सिंह, बर्लिन से एलिनोर यूलर, वहीं दिल्ली से मनीषा गेरा बसवानी, नेहा लूथरा, जमशेदपुर से अंशु कुमारी, कोलकाता से मानसी शाह, मुंबई से वलय गाढ़ा, बैंगलोर से अनिन्दा सिंह, मथुरा से रजनी आर्या, कोलकाता से प्रताप मन्ना और पृथ्वीश, मध्यप्रदेश से निश्चय ठाकुर के साथ ही राजस्थान से नंदन घीया, निशांत घीया, नरेंद्र कुमार सैन, रोहिणी सिंह, शुभम शर्मा, दीपा कुमावत आदि अपने क्यूरेट किए गए खास कलेक्शन इन आठ दिनों के कार्यक्रमों में शोकेस करेंगे।

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