जयपुर। जवाहर कला केन्द्र में शनिवार से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान विजुअल आर्ट और शास्त्रीय संगीत का संगम देखने को मिलेगा। श्री राम कला महोत्सव में प्रसिद्ध चित्रकार कैनवास पर श्री राम के जीवन प्रसंगों को उकेरेंगे। वहीं युवा एकल में मनीषा गुलियानी कथक की प्रस्तुति देंगी। 42वें गुणीजन संगीत एवं सम्मान समारोह में सुनीता अवनी अमीन और पद्मश्री उस्ताद एफ. वासिफउद्दीन डागर ध्रुवपद गायन की प्रस्तुति देंगे।
श्री राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को कैनवास पर उकेरेंगे चित्रकार
जवाहर कला केंद्र की ओर से 11 से 21 जनवरी तक श्री राम कला महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन अयोध्या स्थित श्री राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष में किया जा रहा है। महोत्सव में 20 वरिष्ठ व युवा चित्रकार विद्यार्थी भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगो पर चित्र तैयार करेंगे। प्रत्येक चित्रकार को एक अलग प्रसंग दिया जाएगा जिससे सभी चित्र एक अलग कहानी बयां करेगा। कलाकारों द्वारा तैयार किया गया चित्र प्रदर्शित करने हेतु प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
चित्रकला कार्यशाला एवं शिविर व प्रदर्शनी का क्यूरेशन वरिष्ठ चित्रकार संदीप सुमहेंद्र द्वारा किया जाएगा। महोत्सव का शुभारंभ 11 जनवरी को सुबह 11 बजे से जेकेके की चतुर्दिक गैलेरी में होगा।
कथक की एकल प्रस्तुति
जवाहर कला केन्द्र और कलावर्त-प्रेरणा श्रीमाली कथक संस्था की सहभागिता में कृष्णायन सभागार में शाम 4 बजे से युवा एकल कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जयपुर की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना मनीषा गुलियानी अपनी 90 मिनट की एकल नृत्य प्रस्तुति देंगी। “युवा एकल” का यह तीसरा संस्करण है, कार्यक्रम युवा कलाकारों हेतु एकल परंपरा को पुनर्जीवित का एक प्रयास है।
गुणीजन समारोह में गूजेंगे उस्ताद डागर के स्वर
वहीं जवाहर कला केन्द्र, स्वागत जयपुर फाउंडेशन और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला की सहभागिता में 42वें गुणीजन संगीत व सम्मान समारोह वरिष्ठ कलाविद् एवं कला समीक्षक श्रीगोपाल पुरोहित व वरिष्ठ ध्रुवपद गायक उस्ताद सईदउद्दीन खां डागर की स्मृति में कृष्णायन सभागार में शाम 6:30 बजे आयोजित होगा। समारोह की शुरुआत बेंगलूरु की ध्रुवपद गायिका सुनीता अवनी अमीन के ध्रुवपद गायन से होगी। कार्यक्रम के दूसरे चरण में दिल्ली के ध्रुवपद गायक पद्मश्री उस्ताद फैय्याज वासिफउद्दीन डागर का ध्रुवपद गायन होगा। उनके साथ पखावज पर पं.प्रवीण आर्य संगत करेंगे।