क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से मुकाबले के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी-ऊर्जा राज्यमंत्री

जयपुर। ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर वर्ष-2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन (नेट जीरो) के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी का परिणाम है कि हमारे देश की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 200 गीगावाट से अधिक हो गई है और राजस्थान 29.85 गीगावाट स्थापित क्षमता के साथ इसमें सर्वाधिक योगदान दे रहा है। 

नागर मंगलवार को जयपुर के होटल हयात में साउथ एशियन क्लीन एनर्जी फोरम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्कॉटलैंड में वर्ष-2021 में आयोजित यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चेंज सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन तथा कार्बन उत्सर्जन की समस्या से निपटने के लिए पांच सूत्री पंचामृत एजेंडा प्रस्तुत किया था। इसके माध्यम से उन्होंने साल 2030 तक भारत की ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने तथा कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

नागर ने कहा कि क्लाइमेट चेंज से उत्पन्न चुनौतियों का मजबूती से मुकाबला करने तथा अक्षय ऊर्जा तक आमजन की पहुंच सुनिश्चित करने के सामूहिक प्रयास जरूरी हैं और राजस्थान इस दिशा में उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि साउथ एशिया क्लीन एनर्जी फोरम के माध्यम से नीति निर्माता, स्टेक होल्डर्स, डवलपमेंट पार्टनर्स तथा विशेषज्ञ एक ही मंच पर आकर ऊर्जा के क्षेत्र में भविष्य की नीतियों को आकार देंगे। उन्होंने नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश आदि के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने के लिए भारत में अमरीकी राजदूत एरिक गार्सेटी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इससे पहले भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि विश्व की करीब एक-चौथाई जनसंख्या तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में 28 प्रतिशत भागीदारी रखने वाले इस उप महाद्वीप में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देना समय की मांग है। उन्होंने क्लाइमेट चेंज के कारण पर्यावरण पर बढ़ते खतरों की ओर ध्यान आकृष्ट किया। श्री गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका तेजी से बढ़ते उप महाद्वीप के देशों में अक्षय ऊर्जा रूपान्तरण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह फोरम इसी दिशा में एक प्रभावी पहल है।

अमेरिकी राजदूत ने इस अवसर पर दक्षिण एशियाई रीजन में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए तीन नए कार्यक्रमों-शहरों के पर्यावरण अनुकूल विकास पर अमेरिका-दक्षिण एशिया मेयरल प्लेटफॉर्म, इंडो-अमेरिकी लो कार्बन कम्फर्ट एंड कूलिंग कलेक्टिव तथा क्लीन एनर्जी इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन प्लेटफॉर्म की घोषणा की। उन्होंने बताया कि कूलिंग कलेक्टिव प्रोग्राम के माध्यम से वर्ष 2030 तक सुपर एफिशिएंट कूलिंग तकनीक के लिए एक बिलियन डॉलर जुटाने का लक्ष्य है।

फोरम को मालदीव सरकार की ट्रांसपोर्ट एंड सिविल एविएशन सचिव मरियम शहाना, भूटान सरकार के एनर्जी एंड नेचुरल रिसोर्सेज सचिव दाशो करमा शेरिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड ट्रांसपोर्ट सचिव दाशो फुंशो टोबगे, नेपाल सरकार में एनर्जी, वाटर रिसोर्सेज एंड इरीगेशन सचिव सुरेश आचार्य, श्रीलंका सरकार में पावर एंड एनर्जी के अतिरिक्त सचिव एके एन विक्रमसिंघे, मध्यप्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। 

अमेरिकी अन्तरराष्ट्रीय विकास एजेंसी यूएस-एड के डायरेक्टर इंडो पैसेफिक आरोन श्बर्ट ने आभार व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!