32 हैक्टेयर में फैली है ये सफारी, 8 की शेप में बनाए दो ट्रैक
प्रदेश का पहला शहर जहां पर्यटकों को मिलेगी पांचवीं सफारी
टीम एनएक्सआर जयपुर। जयपुर, जो पहले से ही अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए विश्व विख्यात है। अब वाइल्ड लाइफ टूरिज्म में भी नए आयाम स्थापित कर रहा है। झालाना लेपर्ड रिजर्व, आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व, हाथी सवारी और लॉयन सफारी के बाद नाहरगढ़ जैविक उद्यान स्थित टाइगर सफारी जयपुर के पर्यटन मानचित्र पर एक और चमकता सितारा साबित होगी। आने वाले दिनों में यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है। करीब 32 हेक्टेयर में संचालित की जाने वाली टाइगर सफारी में आठ के आकार के दो ट्रैक बनाए गए हैं। बाघों के लिए वाटर प्वाइंट्स और करीब 10 रेस्टिंग शेल्टर बनवाए गए हैं। सफारी की शुरूआत 4 गाड़ियों से की जाएगी। इसके लिए वन विभाग की ओर से पूरी तरह से तैयारी कर ली गई है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा करेंगे लोकार्पण
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सोमवार सुबह 11 बजे नाहरगढ़ जैविक उद्यान स्थित टाइगर सफारी का लोकार्पण करेंगे। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे। वन मंत्री संजय शर्मा समारोह की अध्यक्षता करेंगे। फिलहाल टाइगर सफारी की प्रस्तावित टिकट शुल्क प्रति व्यक्ति 200 रुपए निर्धारित की गई है। स्वीकृति मिलने के बाद आधिकारिक तौर पर जारी कर दिया जाएगा।
एक बाघ और दो बाघिनों से शुरूआत
वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार एक बाघ और दो बाघिनों से टाइगर सफारी की शुरूआत की जाएगी। यहां बाघ गुलाब, बाघिन चमेली और भक्ति को रखा है। यहां बाघों को पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण मिलेगा। ये सफारी पर्यटकों को न सिर्फ एक रोमांचकारी अनुभव देगी, बल्कि वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए बेहतर टूरिज्म स्पॉट साबित होगी। कहा जाए तो पर्यटकों को लम्बे इंतजार के बाद यहां भी टाइगर सफारी करने का मौका मिलेगा।
जैविक उद्यान में आए 3 लाख 72 हजार से अधिक पर्यटक
वन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार दिल्ली रोड स्थित नाहरगढ़ जैविक उद्यान में साल 2023-24 के दौरान 1,44,057 भारतीय, 2,28,197 स्टूडेंट्स और 483 विदेशी पर्यटक आए। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि टाइगर सफारी की शुरूआत से यहां पर्यटकों की संख्या में और अधिक वृद्धि देखने को मिल सकती है।
झालाना में हर साल बढ़ी पर्यटकों की संख्या
शहर के बीच स्थित झालाना लेपर्ड रिजर्व में बघेरे देखने की चाह पर्यटकों को इस ओर खींच लाती है। वन विभाग से मिले आंकड़ों को देखे तो यहां कोरोना काल को छोड़ हर साल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।
साल 2017-18 में 15,479 पर्यटकों से 17,22,740 रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई। साथ ही साल 2018-19 में 27,575 पर्यटकों से 30,43,960 रुपए, साल 2019-20 में 26,185 पर्यटकों से 33,52,028 रुपए, साल 2020-21 में 21,505 पर्यटकों से 28,16,536 रुपए, साल 2021-22 में 34,796 पर्यटकों से 1,74,77,275 रुपए, साल 2022-23 में 39,463 पर्यटकों से 3,07,19,202 रुपए एवं साल 2023-24 में 44,557 पर्यटकों से 3,65,09,338 रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई।