सृष्टि को बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य वनरक्षकों का होता है : संसदीय कार्य मंत्री

119 वां वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण पासिंग आउट परेड एवं समापन समारोह

जयपुर। कानून एवं न्याय तथा संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि वनरक्षकों के लिए वन एवं वन्यजीव की रक्षा करना एक चुनौती के साथ पुनीत कार्य है। पटेल शुक्रवार को यहां राजस्थान पुलिस अकादमी में वानिकी सैटेलाइट प्रशिक्षण संस्थान और राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 119 वें वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण सत्र की पासिंग आउट परेड एवं समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सृष्टि को बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य वनरक्षकों का होता है। उनका वन, पौधों एवं वन्यजीवों के साथ प्रतिदिन साक्षात्कार होता है। ऐसे महत्वपूर्ण कार्य में कई चुनौतियां हैं जो आपके सामने आएंगी, लेकिन उनका आपको दृढ़ता से मुकाबला करते हुए अपने कर्तव्यों का निवर्हन करना है।

जोगाराम पटेल ने तीन माह का आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे वनरक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि राज्य में बाघ, बघेरा और भालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में वनरक्षकों का अधिक दायित्व बन जाता है कि वह इस संतुलन को बनाए रखें।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) अरिजीत बनर्जी ने कहा कि राजस्थान में जलवायु परिवर्तन होता रहता है। ऐसी स्थिति में वनों, पौधों और वन्य जीवों की रक्षा करने का सबसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन प्राथमिक तौर पर वनरक्षकों के कंधों पर ही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा इंडिया स्टेट ऑफ़ फॉरेस्ट रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके अनुसार राज्य का वन क्षेत्र 9.50 प्रतिशत है। प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इस बार राज्य में वनों के अलावा बाहर के क्षेत्रों में हरित आवरण की वृद्धि हुई है, जिसमें राज्य देश में तीसरे पायदान पर है।

कार्यक्रम में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( प्रशिक्षण) वेंकटेश शर्मा, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) राजेश गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक जयपुर राजीव चतुर्वेदी और एडीजी आरपीए लता मनोज सहित वन एवं पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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