जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल में गूंजे सुर और साधना

जेकेके में सुबह से शाम तक राग-रागिनियों का जादू, श्रोताओं ने खूब सराहा

जयपुर। जवाहर कला केंद्र का रंगायन सभागार दो दिवसीय ‘जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल’ में सुरों और साधना का केंद्र बना रहा। कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग राजस्थान सरकार और जेकेके द्वारा आयोजित इस उत्सव का शुभारंभ जयपुर फाउंडेशन व विश्व ध्रुवपद गुरुकुल के सहयोग से हुआ।

मॉर्निंग रागा में डागर घराने का सुरमयी आलाप
फेस्टिवल की शुरुआत रहमान हरफन मौला के गायन से हुई, जिन्होंने राग मियां की तोड़ी और गुर्जरी तोड़ी में ध्रुवपद की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को भाव-विभोर किया। उनके साथ पखावज पर ऐश्वर्य आर्य ने संगत की।

शाम की महफ़िल में उस्ताद डागर की परंपरा
शाम को सुनीता अवनि अमीन ने राग यमन और अडाना में अपनी प्रस्तुति दी, वहीं अंत में उस्ताद फैय्याज वासिफउद्दीन खान डागर ने राग जयजयवंती में बंदिशें गाकर सुर-लय-ताल का बेजोड़ प्रदर्शन किया।

संवाद प्रवाह में उठा संरक्षण का मुद्दा
फेस्टिवल के तहत हुए ‘संवाद प्रवाह’ सत्र में ध्रुवपद और शास्त्रीय संगीत के संरक्षण व नवाचार पर चर्चा हुई। उस्ताद डागर, वैदिक कलाकार रामू रामदेव, कथक गुरु रेखा ठाकर और प्रोफेसर माया रानी टांक ने विचार साझा किए।

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