वन क्षेत्रों में स्थित पुराने किले, बुर्ज एवं इमारतों का रिनोवेशन करवाकर इन्हें इन्टरप्रेटेशन सेंटर, सनराइज, सनसेट, साइटिंग पॉइंट के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर विचार करने के दिए निर्देश
जयपुर। राजस्थान बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के शासी निकाय की द्वितीय बैठक संजय शर्मा, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अध्यक्षता में झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के कान्फ्रेन्स हॉल में आयोजित की गई।
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन अपर्णा अरोड़ा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) अरिजीत बनर्जी, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय, जिला प्रमुख जयपुर, प्रदेश के सभी क्षेत्र निदेशक एवं उप क्षेत्र निदेशक तथा अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा द्वारा रणथम्भौर एवं सरिस्का सहित सभी बाघ परियोजनाओं में पर्यटन को बढावा देने सहित सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया। छात्र-छात्राओं में वन एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए राज्य के सभी राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को बाघ परियोजनों एवं संरक्षित क्षेत्रों में निःशुल्क भ्रमण की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए गए।
वन मंत्री द्वारा अन्य राज्यों की तर्ज पर वन विभाग के विश्राम गृहों को बेहतर सुविधाओं से युक्त बनाने के निर्देश दिए। जिससे विभाग के अलावा पर्यटकों को ठहरने की सुविधा उपलब्ध हो सके। वन क्षेत्रों में स्थित पुराने किले, बुर्ज एवं इमारतों का रिनोवेशन करवाकर इन्हें इन्टरप्रेटेशन सेंटर, सनराइज, सनसेट, साइटिंग पॉइंट व अतिथि गृहों के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश दिए। इन नवाचारों से न केवल ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षण होगा बल्कि पर्यटकों को प्रकृति के बीच रह कर वन एवं वन्यजीवों को समझने के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
वन मंत्री शर्मा ने बाघ परियोजना के वन क्षेत्रों में अवैध कटान, अवैध खनन, अवैध शिकार इत्यादि की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए ऐसे मामलो में सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए साथ ही वाइल्ड लाइफ सर्वेलांस एवं एंटी पोचिंग सिस्टम को ओर बेहतर एवं एडवांस बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
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