बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का दिया संदेश
जयपुर। जवाहर कला केंद्र की ओर से बुधवार को जयपुर नाट्य समारोह के तहत नाटक गार्गी का प्रभावशाली मंचन हुआ। कन्हैया लाल कलावत द्वारा लिखित व निर्देशित इस नाटक ने दर्शकों को ज्ञान, आत्मविश्वास और विद्वता की प्रेरणा दी। गुरुवार को समारोह के दूसरे दिन पर प्रेमचंद गांधी द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक गाथा बन्दिनी का मंचन होगा।
मंच पर सफेद रोशनी पड़ती है और नज़र आती है गार्गी जो दर्पण में अपना प्रतिबिंब देखकर खुद से बातें कर रही है। वह आत्ममंथन कर पूछती है कि क्यों वह खुद को कमजोर और ज्ञानहीन समझ रही है, उसकी निर्बलता सत्य नहीं है बल्कि महज़ एक छलावा है जिसे उसे दूर भगाना होगा। असल में तो वह सशक्त और दृढ़निश्चयी है। तभी उसे मालूम पड़ता है कि राजा जनक अपने नगर में एक शास्त्रार्थ आयोजित करते हैं जिसमें देशभर के विद्वानों, ऋषियों और लेखकों को आमंत्रित किया जाता है।
नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। गार्गी की कहानी से प्रेरणा लेते हुए, हर महिला को अपने आत्मविश्वास और ज्ञान के बल पर समाज में नई पहचान बनानी चाहिए।