सांभर महोत्सव में दो लाख से अधिक देशी विदेशी पर्यटक हुए शामिल

जयपुर। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के प्रयासों एवं निर्देशन से साकार सांभर महोत्सव 2025 में इस बार लगभग 2 लाख से अधिक देशी-विदेशी पर्यटकों के आगमन ने सांभर को पर्यटन का नया डेस्टिनेशन बना दिया है। राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत का यह उत्सव 24 जनवरी से 28 जनवरी (मंगलवार) तक चला।महोत्सव में आगन्तुक पर्यटकों को धार्मिक, सांस्कृतिक और रोमांचकारी पर्यटन के अनुभव हुए।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी का कहना है कि सांभर महोत्सव राजस्थान की कला, संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर लाने का एक अद्वितीय प्रयास है। इस विशिष्ट एवं अविस्मरणीय, मनमोहक लोक उत्सव ने निश्चित ही सांभर को पर्यटन के क्षेत्र के एक नए सितारे के रूप में उभरा है। जो कि पर्यटकों के लिए लम्बे समय तक अचंभे और आकर्षण केन्द्र बना रहेगा। सांभर महोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक प्रमुख आकर्षण बन गया।

पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि सांभर महोत्सव 2025 में सैलानी और स्थानीय लोग सांस्कृतिक, धार्मिक और रोमांचक अनुभवों से रूबरू हुए। उन्होंने बताया कि सांभर, की साल्ट लेक अब प्री-वेडिंग शूट और एस्ट्रो टूरिज्म के लिए भी लोकप्रिय हो रही है। झपोक, सांभर सॉल्ट कैंपस, देवयानी तीर्थ सरोवर और मेला ग्राउंड पर इस महोत्सव के दौरान कई भव्य आयोजन हुए। जिसमें पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों में उमंग और उत्साह के साथ शामिल हुए।

उत्सव के आकर्षण

महोत्सव में सैलानी और स्थानीय लोग सांस्कृतिक, धार्मिक और रोमांच के अनुभवों से रूबरू हुए। इस दौरान राजस्थानी कला एवं शिल्प स्टॉल और फोटोग्राफी का प्रदर्शन हुआ। विभिन्न डिज़ाइन और रंगों की फैंसी पतंगें आकाश में उड़ाई गई। पैरा सेलिंग, पैरा मोटरिंग, पैरा ग्लाइडिंग, जीप सफारी और एटीवी राइड्स जैसी रोमांचक गतिविधियां आयोजित हुई। प्रकृति प्रेमियों के लिए पक्षी अवलोकन और साल्ट लेक भ्रमण का अनुभव अद्वितीय रहा।

दीपोत्सव और महाआरती ने सांस्कृतिक संध्या को और खास बनाया। लोक कलाकारों की मनमोहक स्ट्रीट परफॉर्मेंस ने पर्यटकों को लुभाया। सांभर टाउन हेरिटेज वॉक, पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताओं जैसी विशेष गतिविधियां आयोजित हुई। घुड़सवारी और ऊँट गाड़ी की सवारी ने भी पर्यटकों को खासा आकर्षित किया। सितारों का अवलोकन और एस्ट्रो टूरिज्म के लिए पर्यटकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। पर्यटकों को नमक प्रसंस्करण टूर ने भी लुभाया। 28 जनवरी को समारोह का समापन हुआ।

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