संग्रहालयों और सम्पत्तियों का हो डिजिटाइजेशन : प्रमुख शासन सचिव पर्यटन

जयपुर। प्रमुख शासन सचिव पर्यटन, कला, संस्कृति एवं पुरातत्व राजेश यादव ने राजस्थान में पुरातत्व विभाग के सभी संग्रहालयों और सम्पत्तियों का डिजिटाइजेशन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुरातत्व विभाग की सभी सम्पतियों का एक विजन डॉक्यूमेंट बनाने और विभाग के कार्यों एवं सेवाओं को ऑनलाइन किया जाने के भी निर्देश दिए हैं।

प्रमुख शासन सचिव ने ये निर्देश आयुक्त पर्यटन रुक्मणी रियाड़ तथा पुरातत्व विभाग के निदेशक पंकज धरेन्द्र की उपस्थिति में बुधवार को जयपुर स्थित पर्यटन भवन में आयोजित पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की समीक्षा बैठक ​में दिए। उन्होंने पुरातत्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि विभाग अपने कार्यों को योजनाबद्ध रूप से निर्धारित समय पर सम्पादित करें।

प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने निर्देश दिए कि नारायण सिंह सर्किल स्थित गांधी वाटिका का वृहद प्रचार—प्रसार किया जाए।प्रमुख शासन सचिव को पुरातत्व विभाग के निदेशक पंकज धरेन्द्र ने विभाग का परिचय देते हुए बताया कि राजस्थान के जयपुर में जन्तर मन्तर, आमेर किला, झालावाड़ में गागरोन किला यूनेस्को सूचीबद्ध स्मारक हैं। उन्होंने बताया कि 1950 से राजस्थान राज्य के निर्माण के साथ ही पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का गठन किया गया।

वर्तमान में विभाग द्वारा 345 पुरा स्मारक व 43 पुरास्थ संरक्षित घोषित है। साथ ही विभाग द्वारा 22 राजकीय संग्राहलय व 2 कला दीर्घा संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें लभगभ 3 लाख से अधिक कला पुरा सामग्री यथा पाषण प्रतिमाएं, धातु प्रतिमाएं लघुरंग चित्र,अस्त्र—शस्त्र, वस्त्र परिधान, सिक्के, हस्तलिखित ग्रंथ, लिथोग्राफ, शिलालेख, टेराकोटा आदि पुरावस्तुएं संग्रहित एव प्रदर्शित हैं। प्रमुख शासन सचिव को विभाग द्वारा संचालित मुख्य गतिविधयों एवं विभाग की सम्पदाओं का विस्तृत ब्यौरा दिया गया।

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