वहीं आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में तीन साल में 34 हजार से अधिक पर्यटकों ने उठाया लेपर्ड सफारी का लुत्फ
जयपुर। गुलाबी नगरी को पर्यटन स्थलों के साथ ही वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र के लिए भी जाना जा रहा है। यहां घरेलू और विदेशी पर्यटकों को किले और महल घूमने के साथ ही विभिन्न सफारियों का लुत्फ उठाने का मौका मिलता है। जयपुर में टाइगर सफारी, लायन सफारी, एलिफेंट सफारी और लेपर्ड सफारी संचालित की जा रही है। तीन मई को इंटरनेशनल लेपर्ड डे मनाया जाता है। ऐसे में हम पाठकों को जयपुर स्थित झालाना लेपर्ड रिजर्व और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
40 से अधिक लेपर्ड हैं यहां
वन विभाग के अधिकारियों के प्राप्त जानकारी के मुताबिक #jhalana leopard reserve और #amargarh leopard reserve में lepards की संख्या 40 से अधिक बताई जा रही है। यहां सफारी में पर्यटकों को बहादुर, फ्लोरा, राणा, बघेरा सहित अन्य lepards की साइटिंग होती है।
हर साल आते हैं हजारों पर्यटक
वाइल्ड एनिमल्स को देखने के लिए पर्यटक अब जयपुर की ओर रुख करने लगे हैं। यहां आकर वे #Nahargarh Biological Park में शेर, बाघ, भालू सहित अन्य एनिमल्स देखते हैं तो वहीं दूसरी ओर jhalana leopard reserve और #amargarh leopard reserve में आकर लेपर्डस के दर्शन करते हैं। इसी का नतीजा है कि दोनों लेपर्डस सफारी में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं।
वन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार झालाना लेपर्ड रिजर्व में साल 2017-18 से साल 2024-25 तक 2,51,908 पर्यटकों से 13,29,80,926 रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई है। वहीं आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में साल 2022-23 से साल 2024-25 के दौरान 34,221 पर्यटकों ने सफारी की। इससे वन विभाग को 2,78,41,963 रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई है।