119 वां वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण सत्र उद्घाटन समारोह
राजस्थान में अगले साल से पेश होगा ग्रीन बजट
जयपुर। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के मुख्य आतिथ्य में वानिकी सैटेलाईट प्रशिक्षण संस्थान, राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान, जयपुर राजस्थान पुलिस अकादमी, जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में 119वें वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन समारोह अरण्य भवन में मंगलवार को आयोजित किया गया।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि महिला शक्ति हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर रही हैं। इस वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण में 1450 वन रक्षकों में से 710 महिला वन रक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। यह गर्व की बात है।
दिया कुमारी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में अगले साल ग्रीन बजट पेश किया जाएगा उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद दिया कि उन्होंने इस बार मन की बात कार्यक्रम में राजस्थान में प्रभावी रूप से चलाए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का उल्लेख किया और 5 करोड़ 85 लाख पौधे लगाने की रिकॉर्ड उपलब्धि की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मैं सवाईमाधोपुर से विधायक रही हूं मैं जानती हूं कि वन तथा वन्य जीवों की रक्षा एक महत्पूर्ण चुनौती है। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली वनरक्षकों को इस वन और वन्य जीवों की रक्षा के महत्वपूर्ण कार्य के लिए जिम्मेदारी पूर्वक काम करने के लिए प्रेरित किया।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने तीन माह का आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे वन रक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि वनों की कटाई रोकना, वन्य जीवों के शिकार को रोकना एवं सुरक्षा देना, वनों का विस्तार करना, आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करना, जंगल को आग से बचाना, वनों पर अतिक्रमण को रोकना, जंगल में काम करते हुए जंगली जानवरों, शिकारियों, असामाजिक तत्वों से सावधान रहना और वनों को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण करवाना जैसी जिम्मेदारियों को मुस्तैदी से पूरा किया जाए। इसमें निर्णय क्षमता का बहुत महत्वपूर्ण रोल है। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियां है जो आपके सामने आएंगी उनका आपको दृढ़ता से मुकाबला करते हुए अपने कर्तव्यों का निवर्हन करना है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वनबल प्रमुख) अरिजीत बनर्जी ने कहा कि वनरक्षक ग्रामीण एवं आम जनता से जुड़कर एवं वनों, पौधों और वन्य जीवों की रक्षा करने का सबसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वाहन प्राथमिक तौर पर वनरक्षकों के कंधों पर ही है। उन्होंने कहा कि वनरक्षक जनमानस एवं विभाग के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है।
एडीजी पुलिस प्रशिक्षण अशोक राठौड़ ने कहा कि पुलिस प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण देने के लिए उत्कृष्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एवं इंस्ट्रेक्टर हैं। जिससे वनरक्षकों को सर्वांगीण विकास एवं पूर्ण अनुशासन के साथ दायित्व निर्वाह का प्रशिक्षण प्राप्त हो सकेगा।
एडीजी पुलिस एवं निदेशक राजस्थान पुलिस अकादमी एस. सेंगथिर ने कहा कि वनरक्षकों को प्रशिक्षण में आवश्यक सेल्फ डिफेंस, अनआर्म्ड कॉम्बैट एवं हथियारों की जानकारी दी जाएगी। जिससे उनको वन्यजीवों का रेस्क्यू करते समय उनका रेस्क्यू करने एवं मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं टैकल करने में किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
आरएफडब्ल्यूटीआई निदेशक शैलजा देवल ने मुख्य अतिथियों एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण सत्र में 1450 वंरक्षकों को 30 बैच में विभाजित 11 सैटेलाइट प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जो बीकानेर, जोधपुर, अलवर, अजमेर एवं जयपुर में पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में संचालित किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि वनों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए इतनी सारी महिलाओं का चयन हुआ है यह बहुत हर्ष का विषय है।
समारोह में प्रधान मुख्य वन संरक्षक शिखा मेहरा एवं अनुराग भारद्वाज, एडिशनल एपीसीसीएफ वेंकटेश शर्मा, उदय शंकर के अतिरिक्त वन विभाग एवं पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।