राजस्थान पर्यटन विभाग का नवाचारः प्रदेश के विभिन्न अंचलों की कला-संस्कृति को वैश्विक पटल पर ले जाने का प्रयास

जयपुर। गुलाबी नगरी की फिजां में आज शाम भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली ब्रज भूमि की रंगत घुलेगी। ब्रज की मशहूर फूलों की होली खेली जाएगी। मयूर नृत्य से श्रीकृष्ण-राधा की रासलीला का प्रदर्शन होगा। गीत-संगीत से ब्रज का माधुर्य व भक्तिभाव छलकेगा। वहीं, अपनी विभिन्न मोहक प्रस्तुतियों से लोक कलाकार ब्रज की कला एवं संस्कृति को साकार करेंगे। जयपुरवासियों सहित देशी-विदेशी पावणे भी इसका लुत्फ राजधानी के ऐतिहासिक अल्बर्ट हाॅल के समक्ष उठाएंगे। इसके साथ ही, राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की डायरी में शुक्रवार को एक नए अध्याय का शुभारम्भ कल्चरल डायरीज के नाम से होगा।
गौरतलब है कि राजस्थान की लोक कला एवं संस्कृति को वैश्विक पटल पर ले जाने और लोक कलाकारों को नया मंच प्रदान करने के लिए पर्यटन विभाग कल्चरल डायरीज के नाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक नई श्रृंखला शुरू कर रहा है। इसका आगाज शुक्रवार को अल्बर्ट हॉल से होगा। इस सांस्कृतिक संध्या में ब्रज लोक कलाकारों की ओर से विभिन्न आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।

कल्चरल डायरीज श्रृंखला के पहले दिन शुक्रवार को शाम 6.30 बजे से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में प्रदेश के उत्तर-पूर्व में स्थित ब्रज अंचल की कला-संस्कृति का प्रदर्शन होगा। सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ वैदिक मंत्राच्चार के साथ होगा। मयूर नृत्य और फूलों की होली से भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की रासलीला साकार होगी। इस दौरान कलाकार भवाई नृत्य भी पेश करेंगे।
वहीं, दूसरे दिन शनिवार को बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के प्रसिद्ध लंगा-मांगणियार कलाकारों की गायन-वादन की प्रस्तुतियां होंगी।

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