हब एवं स्पॉक मॉडल से गांव-कस्बों तक बढ़ेगा जांचों का दायरा
जयपुर। प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में विभिन्न रोगों की जांच सुविधा को बेहतर बनाने के लिए प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण कर उन्हें मदर हब एण्ड स्पॉक प्रयोगशालाओं के रूप में बदला जाएगा। हब एवं स्पॉक मॉडल के तहत मदर लैब, हब लैब एवं स्पोक्स के माध्यम से जिला चिकित्सालयों में 145, उप जिला चिकित्सालयों व सैटेलाइट चिकित्सालयों में 117, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 101, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा डिस्पेन्सिरियों में 66 प्रकार की जांचें आउटसोर्स मोड पर उपलब्ध करवाई जाएंगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर तथा प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ की उपस्थिति में इसके लिए स्वास्थ्य भवन में मंगलवार को एक एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। एमओयू पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव, टेलीकम्यूनिकेशंस इंडिया लिमिटेड की ओर से कार्यकारी निदेशक अरूण डागर एवं कृष्णा डायग्नोस्टिक लिमिटेड की ओर से कार्यकारी निदेशक पल्लवी जैन ने हस्ताक्षर किए।