जयपुर। सरिस्का टाइगर रिजर्व के विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने 5 से 7 मई के बीच तीन दिनों के लिए बाघ रिजर्व का पहला दौरा किया। समिति में दिग्विजय सिंह खाती (पूर्व पीसीसीएफ (वन्यजीव) और सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू, उत्तराखंड सरकार), हिम्मत सिंह नेगी (पूर्व एपीसीसीएफ (वन्यजीव), मध्य प्रदेश सरकार और सदस्य राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण), पूर्व आईएएस गिरिराज सिंह कुशवाह, सचिव, भारतीय शिल्प और डिजाइन संस्थान, जयपुर एवं प्रदीप मलिक (पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर, भारतीय वन्यजीव संस्थान, सदस्य राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और सदस्य, प्रोजेक्ट चीता संचालन समिति) ने सरिस्का टाइगर रिजर्व में प्रशासन के साथ अपनी बैठक की और क्षेत्र का दौरा भी किया।
समिति ने पीलापानी और क्रास्का, देवरी गांवों के ग्रामीण के साथ अलग-अलग बैठकें भी की। समिति बाघ अभयारण्य के विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही है, जिसमें बाघों की संख्या बढ़ाने के संदर्भ में आवास सुधार हस्तक्षेप, गांवों का स्थानांतरण, कर्मचारियों की क्षमता निर्माण, बाघों की निगरानी में सुधार, पर्यटन विकास आदि शामिल हैं। समिति अपनी टिप्पणियों के आधार पर केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी।