डॉ. श्याम सुंदर शर्मा ने राग यमन में की गुरु स्तुति, पं. सुखदेव चतुर्वेदी ने प्रस्तुत किया राग बसंत
जयपुर। जवाहर कला केंद्र जयपुर और इंटरनेशनल ध्रुवपद धाम ट्रस्ट के संयोजन में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम ‘ध्रुवपद-धरोहर’ समारोह की सोमवार को शुरुआत हुई। यह अखिल भारतीय स्तर का संगीत उत्सव ध्रुवपदाचार्य पद्मश्री पं.लक्ष्मण भट्ट तैलंग की स्मृति को समर्पित है। कार्यक्रम की शुरुआत इनके जीवनवृत्त पर आधारित प्रदर्शनी व डॉक्युमेंट्री ‘सफरनामा’ पर संवाद से हुई। राजेंद्र कटारिया व डॉ. प्रदीप टांक ने संवाद के दौरान पं. लक्ष्मण भट्ट के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। यह संवाद साहित्यकार ललित शर्मा ‘अकिंचन’ ने मॉडरेट किया।
इसके बाद ध्रुवपद गायिका प्रो. डॉ. मधु भट्ट तैलंग द्वारा पं. भट्ट के जीवन पर लिखित पुस्तक ‘संगीत-जगत को समर्पित पद्मश्री’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. श्याम सुंदर शर्मा ने राग यमन में गुरु स्तुति के मंगलाचरण के साथ ध्रुवपद गायन की प्रस्तुति देते हुए गायन की शुरुआत की, जिसके बाद नोमतोम के चारों चरणों के आलाप व तुलसीदास रचित ध्रुपद ‘जय जय जग जननी देवी’ का सुकूनदायी और मधुर गायन प्रस्तुत किया।