चीते के कुनबे में हो रही निरंतर वृद्धि, पर्यटन के क्षेत्र में कूनो की बन गई है विशिष्ट पहचान
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह देखकर अत्यंत सुख की अनुभूति होती है कि कभी एशिया महाद्वीप से विलुप्त हो चुके चीते आज मध्यप्रदेश की धरा पर रफ्तार भर रहे हैं और अपना कुनबा भी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, “जीव चराचर जंतु समाना’’ की भावना वाले मध्यप्रदेश की धरा अद्भुत है, जो वन्य-जीवों की आश्रय-स्थली बन गई और कई विलुप्तप्राय वन्य-प्राणियों की अठखेलियों का आंगन है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए वन्य-जीवन को सहेज कर रखने और जैव-विविधता के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं और आगे भी ऐसे नवाचारों के मध्यप्रदेश की पुण्य धरा को गौरवान्वित करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को पालपुर-कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता आशा, धीरा और आशा के 3 शावकों को बाड़े से खुले जंगल में स्वछंद विचरण के लिए छोड़ा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चीतों की पुनर्स्थापना से कूनो की पर्यटन के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले 2 चीते खुले जंगल में छोड़े थे, जिससे वन्य जीवन में चीतों की पुन: बसाहट हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज 5 चीतों को जंगल में छोड़ने का अवसर मिला है। मैं प्रदेशवासियों को इसकी बधाई देता हूं।
अब तक सात चीतों को जंगल में स्वछंद छोड़ा
कूनो नेशनल पार्क से अभी तक 7 चीतों को जंगल में स्वछंद विचरण के लिए छोड़ा गया है। कूनो में वीरा के नए 2 शावकों को मिलाकर कुल 26 चीते हो गए हैं। इन चीतों की मॉनिटरिंग के लिए 2 दल गठित किए गए हैं, जो छोड़े गए शावकों की निगरानी और सुरक्षा करेंगे।
कूनो नेशनल पार्क में चीता रिलीज कार्यक्रम के दौरान कमिश्नर ग्वालियर-चंबल मनोज खत्री, आई.जी. चंबल सुशांत सक्सेना, कलेक्टर श्योपुर अर्पित वर्मा, सीसीएफ उत्तम शर्मा और डीएफओ कूनो आर. थिरुकुराल सहित प्रशासनिक एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।