सबसे अधिक उत्तरप्रदेश में संरक्षित, इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु सहित अन्य का आता है नंबर
राजस्थान इस मामले में 8वें पायदान पर
नई दिल्ली। देश में 3696 प्राचीन स्मारकों तथा पुरातत्व स्थलों एवं अवशेषों को प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया गया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) राष्ट्रीय महत्व के घोषित इन स्मारकों और स्थलों का रखरखाव उनकी आवश्यकता के आधार पर करता है, ताकि उन्हें उनकी मौलिकता में संरक्षित किया जा सके और उन्हें भावी पीढ़ियों को सौंपा जा सके।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर, जो 2013 में बादल फटने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, का एएसआई द्वारा नवीकरण कर दिया गया है।
इन राज्यों में इतने प्राचीन स्मारक, पुरातत्व स्थल और अवशेष संरक्षित
इसके अतिरिक्त देश में सबसे अधिक प्राचीन स्मारक, पुरातत्व स्थल और अवशेष उत्तरप्रदेश में संरक्षित हैं। यहां इनकी संख्या 743 है। वहीं कर्नाटक में 506, तमिलनाडु में 412, मध्यप्रदेश में 291, महाराष्ट्र में 286, गुजरात में 205, एन सी टी दिल्ली में 173, राजस्थान में 163, आंध्रप्रदेश में 135, तेलंगाना में 8, त्रिपुरा में 8, उत्तराखंड में 44, पश्चिम बंगाल में 135, केरल में 29, लद्दाख (यूटी) में 15, मणिपुर में एक, मेघालय में 8, मिजोरम में 8, नागालैंड में 4, ओडिशा में 81, पुडुचेरी (यूटी) में 7, पंजाब में 33, सिक्किम में 3, अरुणाचल प्रदेश में 3, असम में 55, बिहार में 70, छत्तीसगढ़ में 46, दमन एवं दीव (यूटी) 11, गोवा में 21, हरियाणा में 91, हिमाचल प्रदेश में 40, जम्मू एवं कश्मीर (यूटी) में 56 एवं झारखंड में 13 स्मारक एवं पुरास्थल और अवशेष संरक्षित हैं।