जयपुर। शहर का ऐतिहासिक जयगढ़ किला जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल के प्रथम संस्करण की मेजबानी करने के लिए तैयार है। 27 से 29 दिसंबर 2024 तक चलने वाला तीन दिवसीय यह फेस्टिवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। यह फेस्टिवल टीमवर्क आर्ट्स की पहल है, जो पद्मनाभ सिंह के साथ साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है। इसमें संगीत, नृत्य व सांस्कृतिक अनुभवों के माध्यम से देश की बेहतरीन प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया गया है, जिनके द्वारा जयगढ़ किले की शाही पृष्ठभूमि में प्रस्तुतियां दी जाएगी।
इस फेस्टिवल में भारतीय संगीत जगत की असाधारण प्रतिभाएं व प्रसिद्ध हस्तियां शामिल होंगी। फेस्टिवल की सुबह और शाम के दौरान विविध विधाओं के दिग्गजों की प्रस्तुतियां होगी। इस वर्ष के कार्यक्रम में प्रतिष्ठित गायक कैलाश खेर व कैलासा लाइव, सूफी संगीत के दिग्गज मुख्तियार अली, मशक (बैगपाइप) वादक श्योपत जूलिया, 13वीं पीढ़ी के नगाड़ा वादक नाथू लाल सोलंकी, मयूरी वीणा वादक संदीप सिंह, प्रख्यात गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी के साथ-साथ कुटले खान प्रोजेक्ट, ताल फ्राई और द निमाड़ प्रोजेक्ट सहित अन्य प्रसिद्ध कलाकारों के समूह शामिल होंगे।
इन आकर्षक प्रस्तुतियों के अलावा, इस फेस्टिवल में भारत के समृद्ध इतिहास, कला, वास्तुकला और संस्कृति की खोज करने वाली ज्ञानवर्धक चर्चाओं की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। लेखक व लोकप्रिय इतिहासकार राणा सफवी भारत की रहस्यमय परंपराओं के बारे में बात करेंगे, जबकि कला इतिहासकार पारुल पंड्या धर लेखिका अश्विता जयकुमार के साथ भारत के टेम्पल आर्किटेक्चर पर चर्चा करेंगी। फेस्टिवल में प्रख्यात यात्रा लेखिका व पत्रकार तृप्ति पांडे, राजस्थान के इतिहास की विशेषज्ञ रीमा हूजा और भारत के लोकप्रिय रेडियो कथाकार व लेखक नीलेश मिश्रा के सत्र भी शामिल किए गए हैं।
टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजॉय के. रॉय कहते हैं हमें जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल के प्रथम संस्करण की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। इसके जरिए ऐतिहासिक जयगढ़ किले में भारत की संस्कृति का जश्न मनाया जा रहा है, जिसमें भारत के बेहतरीन कलाकार, विचारक व कारीगर जुटेंगे। इनकी प्रस्तुतियों के माध्यम से, हम संगीत की विविध शैलियों, नृत्य रूपों और पारंपरिक शिल्पों की बेहतरीन श्रृंखला प्रदर्शित करने की उम्मीद करते हैं।