पर्यटन और संस्कृति भारत के समावेशी और सतत विकास के प्रवेश द्वार, पर्यटन सेक्टर 8 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है : केंद्रीय पर्यटन मंत्री

जयपुर। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आईसीएआई के दुबई चैप्टर द्वारा ‘ईयर ऑफ ग्रोथ 2025-26’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि पर्यटन और संस्कृति भारत के समावेशी और सतत विकास के प्रवेशद्वार बनते जा रहे हैं। पर्यटन न केवल अर्थव्यवस्था में लगभग 9% का योगदान देता है, बल्कि 8 करोड़ लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है। यह ग्रामीण उत्थान, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक संरक्षण का भी प्रमुख साधन है।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने शेखावत ने आगे कहा कि 2024 में भारत ने करीब 2 करोड़ विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया। जिससे 30 बिलियन डॉलर से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ और ‘देखो अपना देश’ जैसे अभियानों ने घरेलू पर्यटन को एक नई ऊर्जा दी है। 

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ‘ईयर ऑफ ग्रोथ’ में सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दे रही है। संग्रहालयों, डिजिटल आर्काइव्स, सांस्कृतिक केंद्रों और कलाकारों के कल्याण के लिए एक समृद्ध इको-सिस्टम पर निवेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ जैसी पहलें इस सोच को मूर्त रूप दे रही हैं कि संस्कृति केवल पहचान ही नहीं, बल्कि समृद्धि का मार्ग भी है। उन्होंने विश्‍वास जताया की। विकास का यह दशक भारत को सांस्कृतिक नेतृत्व की वैश्विक भूमिका में लाने का दशक होगा।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दुबई में यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक नीतियों और सतत विकास सम्मेलन – मोंडिएकल्ट 2025 में यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी से भेंट की। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत भारत-यूएई पर्यटन गलियारे के इर्द-गिर्द रणनीतिक संवाद को मजबूत करने पर केंद्रित थी। साथ ही हमारे दोनों देशों के बीच पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों में आपसी हित और सहयोग के विभिन्न अवसरों पर भी चर्चा हुई।

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