टीम एनएक्सआर जयपुर। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में हिंदू संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। इस संबंध में सामूहिक विरोध प्रदर्शन की भी योजना बनाई जा रही है। बांगलादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच हिंदू समुदाय के एक प्रमुख और धार्मिक अल्पसंख्यक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इस्कॉन मंदिर की तरफ के बताया गया कि चिन्मय प्रभु को ढाका खुफिया पुलिस के अधिकारियों ने ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया। दरअसल, शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ वह लगातार आवाज उठा रहे थे। विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री राजाराम नेे कहा कि बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों का हनन हो रहा है। वहां के हिन्दू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों को तोड़ा जा रहा है और हिंदू परिवारों पर जानलेवा हमले किए जा रहे हैं। हिंदूओं की लिंचिग का जश्न मनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में मेहरपुर स्थित एक इस्कॉन मंदिर को जलाना, हिंदू मंदिरों में तोडफ़ोड़ और हिंन्दूओं की लिचिंग का जश्न मनाते हुए दंगाइयों के वीडियो शामिल हैं। इन घटनाओं से न केवल बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन हो रहा है, बल्कि उनका सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन भी संकट में पड़ गया है, लेकिन पड़ोसी मुल्क में अब अंतरिम सरकार तो बन गई है, लेकिन वो भी मूक दर्शक बनी बैठी हैं।
बांग्लादेश की सरकार को इस प्रकार के अत्याचारों को रोकने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि वहा के हिन्दू समुदाय को सुरक्षा मिल सके और वे बिना किसी भय के अपने धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों का पालन कर सकें। साथ ही बांग्लादेश में हिन्दूओं के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ भारतीय संसद में प्रस्ताव लाकर हमले रुकवाए जाए।