दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर बढ़ेंगे सूर्यदेव
जयपुर। अंतरिक्ष में शनिवार को महत्वपूर्ण खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। इस दिन वर्ष का सबसे छोटा दिन (राजधानी में अवधि 10 घंटे, 18 मिनट और 18 सेकंड) के साथ ही सबसे लंबी रात (13 घंटे, 41 मिनट, 42 सेकंड) होगी। यानी दिन और रात में 3 घंटे, 23 मिनट का अंतर होगा। इस विंटर सोलस्टाइस को मसीही समाज और बौद्ध धर्म के यीन और यांग पंथ से संबंधित लोग एकता और समृद्धि को बढ़ावा देने का दिन मानते हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण में 21 दिसंबर को दोपहर 2:51 बजे प्रवेश करेंगे। सूर्यदेव छह महीने दक्षिणायन और छह महीने उत्तरायण रहते हैं। सूर्य का उत्तरायण में प्रवेश जनजीवन के लिए शुभ माना जाता है, साथ ही दान-पुण्य, हवन, पूजन, तीर्थाटन, पवित्र जलाशयों में स्नान, वेद शास्त्रों और ग्रंथों के पठन-पाठन के लिए यह श्रेष्ठ समय माना जाता है। फिलहाल पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। वहीं, शनिवार को पृथ्वी का उत्तरी धुव्र सूर्य से सबसे दूर और दक्षिणी ध्रुव सबसे नजदीक रहेगा। साथ ही सूर्य मकर रेखा से लंबवत होगा और कर्क रेखा को तिरछा स्पर्श करेगा।
इस कारण सूर्य इस दिन शीघ्र अस्त होगा। इसके बाद से दिन की अवधि में इजाफा होगा, रातें छोटी होने लगेंगी। 25 दिसंबर से दिन बड़े और रातें छोटी होती जाएगी। वहीं, 21 मार्च और 23 सितंबर में दिन रात बराबर होगी। इसी तरह 21 जून को दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होगी।
साल में चार दिनों का विशेष महत्व
डॉ. मिश्रा ने बताया कि पंचांग गणना के अनुसार 21 दिसंबर का दिन विशेष है, क्योंकि इस दिन साल की सबसे लंबी रात होगी। दिन और रात में 3 घंटे, 23 मिनट का अंतर होगा। इसी के साथ सायन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। जबकि निरयन सूर्य 14 जनवरी संक्रांति पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। गौरतलब है कि साल में 365 दिन होते हैं और हर दिन 24 घंटे का होता है, लेकिन साल में चार दिन ही ऐसे होते हैं, जिनकी अलग ही खासियत है। इन चार दिनों में 21 मार्च, 21 जून, 23 सितंबर और 22 दिसंबर आते हैं। जिसमें सबसे छोटा, सबसे बड़ा और दो दिन 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन-रात बराबर होंगे।