जयपुर। प्रोफेशनल्स को अपने कार्यों को अधिक कुशलता से पूरा करने के लिए एआई को अपनाना चाहिए, लेकिन बिना उस पर अत्यधिक निर्भर हुए। अगर आप एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को समझते हैं, तो यह आपकी नौकरी नहीं लेगा, लेकिन अगर आप इसके साथ तालमेल नहीं बिठा पाए, तो यह जरूर आपकी नौकरी छीन सकता है। एक मनुष्य के रूप में हमें बदलती तकनीक के साथ विकसित होना होगा। एआई ने लोगों को अपने कार्यों को संभालने के लिए ज्यादा समय दिया है। यह एक मशीन है, जो एक ‘सोचने की शक्ति’ की तरह काम करता है, हालांकि इसका नियंत्रण हमेशा हमारे पास ही रहना चाहिए।
यह बात टेक्नो कमर्शियल लीडर डॉ. अजय डाटा ने अशोक क्लब में अपनी पुस्तक जेनिथ: मास्टरिंग एआई फॉर एवरीडे लाइफ एंड वर्क पर आयोजित चर्चा के दौरान कही। वे कॉर्पोरेट ट्रेनर और टेडएक्स स्पीकर, आशिमा चौधरी के साथ बातचीत कर रहे थे। यह कार्यक्रम प्रभा खेतान फाउंडेशन की सहयोग पहल के तहत आयोजित हुआ।
एआई किस प्रकार हमारी दैनिक व्यक्तिगत और व्यावसायिक दिनचर्या में सहजता से शामिल हो सकता। इस पर प्रकाश डालते हुए डॉ अजय डाटा ने कहा कि एआई टूल्स के साथ संवाद करते समय ‘प्रॉम्प्ट’ की स्पष्टता बहुत मायने रखती है। उन्होंने कहा कि एआई की असली ताकत इस बात में है कि हम उससे किस प्रकार से संवाद करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अपने प्रॉम्प्ट को सुधारिए, प्रॉम्प्ट को विस्तार से लिखिए। आपकी भाषा जितनी स्पष्ट होगी, परिणाम उतना ही बेहतर होगा। यह पुस्तक ‘जेनिथ’ ऐसे कई प्रॉम्प्ट्स के उदाहरणों से भरपूर है, जो एआई के साथ ज़्यादा स्मार्ट तरीके से काम करने की चाह रखने वालों के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शक है।