जयपुर। खान एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा माइनर मिनरल प्लाटों का डेलिनियेशन कर ऑक्शन का एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है। प्रमुख सचिव, खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 12222 हैक्टेयर क्षेत्रफल का डेलिनियेशन कर माइनर मिनरल के प्लॉट तैयार कर क्षेत्रवार मासिक लक्ष्य निर्धारित किए हैं। वर्ष 2024-25 में माइनर मिनरल के 802 प्लॉटोें की सफल नीलामी कर नया रेकार्ड बनाया गया है।
टी. रविकान्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में माइनर मिनरल के 802 प्लाटों की सफल नीलामी की जा चुकी है। इनसे राज्य सरकार को 1041 करोड़ 11 लाख रु. का प्रीमियम राशि का राजस्व मिलेगा। इसमें 40 प्रतिशत राशि 416 करोड़ 44 लाख का राजस्व राज्य सरकार को प्राप्त हो गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान 358 से अधिक मेसेनरी स्टोन के प्लॉट ऑक्शन हुए हैं। इसके अलावा सेंड स्टोन, फेल्ड्सपार, क्वार्टज, मार्बल, ग्रेनाइट, बाल क्ले, सिलिका सेंड, एम सेंड, ग्रेनाइट आदि के प्लॉटों की नीलामी हुई है। इससे माइनिंग मेसेनरी स्टोन के साथ ही डेकोरेटिव स्टोन आदि की उपलब्धता बढ़ी है और माइनिंग सेक्टर में निवेश, रोजगार और रेवेन्यू के नए अवसर विकसित हो रहे हैं।
निदेशक माइंस दीपक तंवर ने बताया कि राज्य में सेंड स्टोन, मार्बल, मेसेनरी स्टोन, क्वार्टज, फेल्ड्सपार, सिलिका सेंड, क्वार्टजाइट आदि माइनर मिनरल्स के विपुल भण्डार हैं। विभाग द्वारा रोडमेप बनाकर एक्सप्लोरेशन के साथ ही खनिजों के डेलिनियेशन कर प्लॉट तैयार करने और उनकी ई-नीलामी पर जोर दिया जा रहा है ताकि प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में निवेश, रोजगार और राजस्व बढ़ सके।