घट स्थापना के साथ चैत्र के वासंतिक नवरात्र कल से

घर-घर में होगी मां जगदंबा-प्रभु श्रीराम की आराधना

जयपुर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा रविवार को घट स्थापना के साथ चैत्र के वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ होगा। श्रद्धालु आठ दिन शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की आराधना में लीन रहेंगे। देवी मंदिरों में जहां दुर्गा सप्तशती के पाठ होंगे वहीं भगवान राम के मंदिरों में रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण की चौपाइयां गूंजायमान होंगी। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 09:20 से दोपहर 12:25 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 बजे तक रहेगा।

वहीं 6 अप्रैल को रवि पुष्य और सर्वार्थ सिद्धि के साथ रामनवमी का स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेगा। आमेर के शिला माता, मनसा माता, आमेर रोड स्थित गोविंद देवजी मंदिर के मातहत मंदिर मनसा माता, दुर्गापुरा के दुर्गा मंदिर, राजापार्क के वैष्णोदेवी मंदिर, घाटगेट श्मशान स्थित काली माता मंदिर, झालाना डूंगरी स्थित कालक्या मंदिर सहित अन्य दुर्गा मंदिरों में शनिवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।वहीं, छोटीकाशी के सभी राम मंदिरों में भी नवरात्र पर वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास कृत रामचरितमानस के अखंड नवाह्न पारायण होंगे।

तृतीय तिथि का क्षय आठ दिन होगी आराधना
इस साल 9 दिन नहीं बल्कि 8 दिन के ही नवरात्र हैं क्योंकि नवरात्र में तृतीय तिथि का क्षय हो रहा हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग में मां दुर्गा का आगमन गजराज पर होगा। गजराज पर मातारानी का आगमन को धन-धान्य में वृद्धि से जोडक़र देखा जाता है।

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