टीम एनएक्सआर जयपुर। एक माह बाद शुरू होने वाले नए साल 2025 में कुल 75 दिन शहनाई बजेगी। इसमें अबूझ मुहूर्त अलग है। हिंदू धर्म में सभी 16 संस्कारों में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में किसी भी शुभ कार्य को करने में मुहूर्त का विचार अवश्य करना चाहिए। शुभ मुहूर्त में किया जाने वाले मांगलिक कार्य सफल और अच्छा माना जाता है।
वहीं अगर शुभ कामों में मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता है कार्यों में तरह के विध्न और बाधाएं आती हैं। वैदिक शास्त्रों में विवाह को एक पवित्र रिश्ता माना जाता है। विवाह जैसे मांगलिक कार्य को हमेशा शुभ समय और मुहूर्त में किया जाना चाहिए। विवाह में कुंडली मिलान और विवाह के लिए शुभ तिथियों का विशेष ध्यान दिया जाता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार पूरे वर्ष में विवाह के लिए कुछ महीने बहुत ही अच्छे जबकि कुछ महीने वर्जित माने जाते हैं। जब वर और कन्या पक्ष में विवाह तय हो जाता है तो दोनों परिवार के लोगों को शादी के लिए सही मुहूर्त और समय की तलाश होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल 2025 में विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं। सर्वाधिक मुहूर्त मई माह में रहेंगे। इस माह 15 सावे है। जबकि सबसे कम मुहुर्त दिसंबर में केवल तीन दिन रहेंगे।
इस प्रकार जनवरी में 10, फरवरी में 14, मार्च में 5, अप्रैल में 9, मई में 15, जून में 5, चातुर्मास के कारण जुलाई,अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। नवंबर में 14 और दिसंबर माह में तीन दिन सावा रहेगा।
किस माह कितने मुहूर्त
जनवरी: 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26, 27
फरवरी: 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 18, 19, 21, 23, 25
मार्च: 2, 6, 7, 12, 13
अप्रैल: 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30
मई: 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27, 28
जून: 2, 4, 5, 7, 8
नवंबर: 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30
दिसंबर: 4, 5, 6