जयपुर। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मंगलवार को अलवर के मिनी सचिवालय सभागार में सरिस्का बाघ परियोजना से विस्थापन एवं अलवर जिले के पर्यटन विकास आदि विषयों के संबंध में समीक्षा बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री यादव ने अधिकारियों से कहा कि अलवर जिले में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। यहां प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक स्थल प्रचुर संख्या में है। उन्होंने वन एवं अन्य विभागों के अधिकारियों से जिले के विकास के लिए सकारात्मक सुझाव लिये। उन्होंने सरिस्का बाघ परियोजना से शेष रहे गांवों एवं परिवारों के विस्थापन हेतु संबंधित गांवों एवं परिवारों के लोगों से समन्वय कर उन्हें केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले पैकेज एवं मूलभूत सुविधाओं से अवगत कराकर विस्थापन के लिए उनकी सहमति बनाई जाए। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विस्थापन के विषय के संबंध में राज्य सरकार स्तर पर समन्वय स्थापित करे। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विस्थापन के लिए तिजारा के गिदावडा रूंध में चिन्हित की गई 700 हैक्टेयर भूमि की अनापत्ति पर्यावरण विभाग से लेने हेतु अविलम्ब आवेदन करें। उन्होंने विस्थापित हो चुके परिवारों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का पात्रतानुसार लाभ दिलाने व उन्हें खातेदारी अधिकार दिलाने का कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीएसी) द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट की सिफारिशों की पालना समयबद्ध रूप से करावे एवं वन विभाग की भूमि का अमल-दरामद करावे।