दुल्हन से सजे-धजे बाज़ारों ने मोहा मन
टीम एनएक्सआर जयपुर। दीपावली के अवसर पर जयपुर की गुलाबी नगरी का सौंदर्य देखते ही बनता है। रंग-बिरंगी रोशनी में नहाए हुए बाजार, गलियां और ऐतिहासिक इमारतें मानो किसी जादुई दुनिया का हिस्सा हों। शहर के जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार और विश्व प्रसिद्ध हवा महल के आसपास का क्षेत्र रंग-बिरंगी रोशनी से दुल्हन की तरह सजा हुआ था।
इस बार फ्रांस, स्पेन, अमेरिका, ताइवान जैसे कई देशों से आए पर्यटकों ने भी इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनने के लिए पारंपरिक परिधानों के साथ राजस्थानी साफा बांधकर लक्ष्मी पूजा में हिस्सा लिया। विदेशी मेहमानों ने न केवल पूजा की विधि-विधान को ध्यान से सीखा बल्कि उत्सुकता के साथ भारतीय परंपराओं को समझने की कोशिश भी की।
फ्रैंड्स ऑफ राजस्थान टूरिज्म (फोर्ट) के फाउंडर संजय कौशिक ने इस बारे में बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय त्योहारों का आकर्षण विदेशी पर्यटकों के बीच तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटक अब केवल दर्शनीय स्थलों की यात्रा तक ही सीमित नहीं रहते। वे यहां आकर भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीना चाहते हैं। दीपावली जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान वे भारतीय संस्कृति की गहराई को महसूस करते हैं और इसे दिल से अपनाते हैं। संजय कौशिक का मानना है कि यह रुझान न केवल भारतीय संस्कृति का प्रचार करता है बल्कि हमारे पर्यटन उद्योग को भी समृद्ध करता है।
दीपावली पर जयपुर आए इन पर्यटकों ने राजस्थानी व्यंजनों का भी आनंद लिया और एक खास तरह का अपनापन महसूस किया। कई पर्यटकों का कहना था कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी आत्मीयता और सौहार्द्रता के साथ दिवाली का अनुभव कर पाएंगे। पर्यटकों ने कहा कि हमने सुना था कि जयपुर किले-महलों और खानपान के लिए जाना जाता है, लेकिन दिवाली पर दुल्हन से सजे-धजे बाजारों ने हमारा मन मोह लिया। बाजारों की सजावट हमारे ज़हन में खूबसूरत यादों के रूप में बस गई है।