तीसरी बार झुमरी ने दिया बच्चे को जन्म
टीम एनएक्सआर जयपुर। नाहरगढ जैविक उद्यान में रविवार को अच्छी खबर सामने आई है। यहां रहवास कर रही मादा भालू झुमरी ने तीसरी बार बच्चे को जन्म दिया है। इससे पहले यहां नर भालू के साथ झुमरी का जोड़ा बनाकर रखा गया था।
जन्म के बाद मां और बच्चा स्वस्थ्य बताए जा रहे हैं। अभी झुमरी को खाने में शहद, रोटी, दूध के साथ ही विशेष तौर पर अंडे दिए जा रहे हैं। अभी 21 साल के नर भालू शंभू को दूसरे पिंजरे में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं झुमरी के पिंजरे को पूरी तरह ढक दिया गया है ताकि उसे किसी तरह की परेशानी ना हो सके।
13 साल की झुमरी तीसरी बार बनी मां
नाहरगढ जैविक उद्यान प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 13 वर्षीय मादा भालू झुमरी ने तीसरी बार बच्चे को जन्म दिया है। इससे पहले 19/11/2020 में इसने नर भालू गणेश को जन्म दिया था। वहीं 18/11/2022 में नर बच्चे कार्तिक और मादा बच्ची कावेरी को जन्म दिया था। इसके बाद अब 10/11/2024 एक बच्चे को जन्म दिया है। हालांकि अभी ये पता नहीं चल पाएगा कि बच्चा मेल है या फीमेल। क्योंकि इस समय मां बच्चे को अपने से दूर नहीं होने देती।
तीनों साल नवंबर में जन्में बच्चे
झुमरी के बच्चों को जन्म देने के बाद एक चीज सामने आई है कि साल 2020 से अब तक तीन बार में चार बच्चों को जन्म दिया। इन सभी का जन्म नवंबर माह में ही हुआ है। अभी मादा भालू झुमरी अपने बच्चे की अच्छी तरह देखभाल कर रही है।
प्रदेश के जैविक उद्यानों में सफल प्रजनन केवल यहां
प्रदेश के अन्य जैविक उद्यानों की अपेक्षा नाहरगढ जैविक उद्यान में स्लॉथ बियर में सफल प्रजनन हो रहा है। ऐसे में देश के दूसरे राज्यों के जैविक उद्यानों और चिड़ियाघरों से वन्यजीव एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत वन्यजीव एक्सचेंज में भालुओं की भी अहम भूमिका सामने आ रही है।
इनका कहना…
नाहरगढ जैविक उद्यान में रहवास कर रही मादा भालू झुमरी ने रविवार को एक बच्चे को जन्म दिया है। मां और बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं। स्टाफ द्वारा इनकी निगरानी की जा रही है।
जगदीश गुप्ता, उप वन संरक्षक (वन्यजीव)
नाहरगढ जैविक उद्यान में मादा भालू झुमरी का तीसरी बार सफल प्रजनन हुआ है। बच्चे को जन्म देने के बाद इसे खाने में शहद, दूध, रोटी और अंडे दिए जा रहे हैं। साथ ही आवश्यक दवाइयां भी दी जा रही है। आगे आने वाले समय में भालुओं के संरक्षण और सफल प्रजनन पर एक रिसर्च पेपर पब्लिश किया जाएगा।
डॉ अरविंद माथुर, वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक, नाहरगढ जैविक उद्यान