टाइगर टी 86 के शव का हुआ पोस्टमार्टम, वहीं लापता बाघों को लेकर कमेटी का किया गठन

टीम एनएक्सआर जयपुर। सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व के पास स्थित गांव के खेत से मिले टाइगर टी 86 के शव का सोमवार को डॉक्टरो की टीम ने पोस्टमार्टम किया। इस दौरान सामने आया कि टाइगर के सिर और मुंह पर किसी धारदार हथियार से वार के निशान मिले हैं। इसके अतिरिक्त शरीर में अन्य जगह भी चोटों के निशान मिले हैं।

गौरतलब है कि शनिवार को टाइगर रिजर्व से सटे खेत में एक व्यक्ति पर टाइगर ने हमला कर दिया था। इसके बाद टाइगर काफी देर तक शव के पास बैठा रहा था। वहीं रविवार को उलियाना गांव स्थित एक खेत में टाइगर का शव मिला था। जिसे वन विभाग की ओर से रिकवर किया गया। टाइगर की उम्र करीब 14 साल थी। इस घटना के बाद से वन्यजीव प्रेमियों में भी भारी आक्रोश है।

लापता टाइगरों को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी का किया गठन

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय ने आदेश जारी कर सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में लंबे समय से बाघों को लेकर एक कमेटी गठित की है। जिसमें कहा गया है कि टाइगर रिजर्व में लंबे समय से बाघों के लापता होने की सूचना टाईगर मॉनिटरिंग रिपोर्ट में आ रही है। इसके संबंध में क्षेत्र निदेशक, रणथम्भौर टाईगर रिजर्व को कई बार पत्र भी लिखे जा चुके हैं परंतु स्थिति में कोई संतोषजनक परिवर्तन नहीं दिखाई दे रहा है। 14 अक्टूबर की रिपोर्ट के अनुसार 11 बाघों के एक साल से अधिक समय से कोई पुख्ता साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं। साथ ही 14 बाघों की उपस्थिति के पुख्ता साक्ष्य एक वर्ष से कम की अवधि में भी नहीं प्राप्त हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में अधोहस्ताक्षरकर्ता यह उचित समझते है कि रणथम्भौर के लापता बाघों के संबंध में एक जांच कमेटी गठित की जाए जो कि लापता बाघों के संबंध में छानबीन कर अपनी रिपोर्ट अधोहस्ताक्षरकर्ता को प्रस्तुत करें। अति. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) राजेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें सीसीएफ वाइल्ड लाइफ, जयपुर डॉ.टी मोहनराज एवं डीसीएफ (वाइल्ड लाइफ), भरतपुर मानस सिंह को सदस्य बनाया गया है।
आदेश में कहा गया है कि कमेटी के कार्य बिंदु निम्नानुसार होगें, जिसमें बाघों के लापता होने के बाद क्षेत्र निदेशक एवं संबंधित उप क्षेत्र निदेशक द्वारा बाघों को ढूढ़ने के लिए क्या प्रयास किए गए। वहीं कमेटी टाइगर मॉनिटरिंग के समस्त रिकॉर्ड की विवेचना कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। साथ ही कमेटी किसी अधिकारी-कर्मचारी की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रस्ताव अधोहस्ताक्षरकर्ता को प्रस्तुत करेगी।
कमेटी व्यवस्था की खामियों को दूर करने के लिए अपने सुझाव भी रिपोर्ट में उल्लेखित करेगी। कमेटी अपनी रिपोर्ट 2 माह में प्रस्तुत करेगी। कमेटी आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञों की राय ले सकेगी।

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